वो ईमारत
इस सड़क से गुजरते हुए
मुझे वो पुराना, कुछ घर जैसा कुछ मंदिर सा
मेरे बचपन की यादें लिए
मेरे पहले प्यार की सुरुवात
जिस जगह से हुई थी ...
जहाँ मेरा पहला सबसे प्यारा दोस्त बना था
वही स्कूल दिखा था
जी चाहता था दीवारों को छू कर
यादों को महसूस करू
या मंदिर की चौखट समझ कर
सर झुका दू
पर मैं किसी काम में उलझी सी थी
वक़्त ही नहीं था मेरे पास
मैं भी आगे की तरफ बढ़ती गयी थी
और वो ईमारत पीछे छूटती गयी थी ...
<3
Pragya Thakur
मुझे वो पुराना, कुछ घर जैसा कुछ मंदिर सा
मेरे बचपन की यादें लिए
मेरे पहले प्यार की सुरुवात
जिस जगह से हुई थी ...
जहाँ मेरा पहला सबसे प्यारा दोस्त बना था
वही स्कूल दिखा था
जी चाहता था दीवारों को छू कर
यादों को महसूस करू
या मंदिर की चौखट समझ कर
सर झुका दू
पर मैं किसी काम में उलझी सी थी
वक़्त ही नहीं था मेरे पास
मैं भी आगे की तरफ बढ़ती गयी थी
और वो ईमारत पीछे छूटती गयी थी ...

Pragya Thakur
ऐसा नहीं की बचपन तुझे मैं भूल गयी
जब भी आयी दिल्ली की याद ,दिल वही गया
जब भी बस्ते लेकर बच्चे सड़को पे मिले
जहं में था देखो मेरा स्कूल गया.......
जब भी आयी दिल्ली की याद ,दिल वही गया
जब भी बस्ते लेकर बच्चे सड़को पे मिले
जहं में था देखो मेरा स्कूल गया.......
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