कागज की पहली नाओ ©
कागज की पहली नाओ बनाना मुझको मेरी नानी ने सिखलाया! अपने नाम का मतलब मुझको , नानू ने बतलाया! कहती है माँ मेरे जिद्दी होने की, वजह है उन दोनों का मेरी, जिद्द पूरी करना! नानू के प्यार दुलार ने मुझको, उड़ना आज़ाद सिखाया . नानी के संस्कार ने मुझको ईश्वर का अर्थ बताया . गणित के पहले प्रश्न हल करना नानू ने था सिखाया . तो बाल बनाना ,चोटी करना नानी ने सिखलाया! मेरी हर ख्वाहिश का ख्याल उन दोनों को था रहता . भूल गयी मैं , अपनी ही बातें मगर उन्हें याद सब रहता जाने कितने साल पहले मैंने , नानी से मांगी थी इक पाजेब अब पाजेब...