बारिश बहुत तेज़ हो रही थी , ना तुम छाता लाये न मैं ,अचानक आयी बारिश , बिन बुलाये मेहमान की तरह ही तो होती है तैयारी का मौका ही नहीं देती , खुद को बचाने की ! आज कॉलेज में फंक्शन था सो साड़ी पहनी sciffon की ,पर क्या पता था सुबह से लोग तारीफ कर रहे थे अचानक मुझे खुद के इस फैसले पर दुःख होगा , काश जीन्स ही पहन लेती , या छाता ले आती अब , घर कैसे जाउंगी ? ये सब मैंने मन में सोचा बहुत irritate थी पर बोली नहीं , अचानक तुमने अपनी ब्लू bleasre दे दी और कहा चलो मैं त ुम्हे घर छोड़ देता हूँ . तुम.. इतनी दूर मुझे ड्राप करोगे लेट होगा तुम्हे , मैंने यूँ ही बोला , मुझे पता था तुम्हारा मुझे ड्राप करना ही ठीक रहेगा मैं बहुत uncomfortable हूँ , तुम शायद मन ही पढ़ रहे थे , मैंने कहा ना मैं तुम्हे घर ड्राप कर दूंगा , और तुम चल पड़े , बहुत ही खूबसूरत एहसास था सुरक्षित महसूस हुआ , भीड़ में बस में चढ़ी तो तुमने अपने हाथ से बढ़ती हुई भीड़ को रोक लिया ,इतनी भीड़ में भी एहसास नहीं हुआ किसी ने मुझे धक्का नहीं मारा , किसी ने घुरा भी नहीं ,तुम पहले घूर देते थे , जो भी मुझे देखता तुम बस उन्हें देखते मुस्...