ख़यालों का समन्दर

जब भी तन्हा कहीं
ख़यालों का समन्दर देखा
जाने क्यों लहरें भी कुछ उदास दिखीं?
गम थी क्या तुझको या की मुझको
ये मालूम नहीं
पानी पानी सी थी हर जगह
फिर भी एक प्यास दिखीं !

Comments

Popular posts from this blog

पुरानी प्रेमिका

उसकी शादी और आख़िरी ख्वाहिश

Aye zindagi !