हसीन सुबह

आज  फिर  इक  हसीन  सुबह  ....बेतकल्लुफ  ,बेख़ौफ़  मेरी  खिड़की  पे ,
 आ  कर  बैठ  गयी !
चलो  अच्छा  है  ज़माने  बाद  मैंने  भी  उजाला  देखा  !!!.

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I do understand!!