Saturday, 15 October 2022

मौन की गूंज

कुछ नहीं बचेगा गर 
मौन रह जाएगा चारों ओर अकेला मौन
ख़ामोशी और गूंज एक साथ अजीब सिहरन पैदा करेगी
जमा देगी ईश्वर का ख़ून मंदिरों में,
पशु पक्षी गूंजेंगे 
फिर भी सन्नाटा होगा 
नहीं होगी इंसानों की प्रजाति
जो शोर करती हैं और सूना पन भी देती है
कितनी अजीब बात है~
विरानिया जिनके लिए हो
रौनक उन्हीं से हुआ करती है ना?

2 comments:

I do understand!!

I look at him in pain, And lightly smile again. He might think I jest, His sorrows, wounds, unrest. I've fought battles on my own, Survi...