आकाश अनंत

बस एक अंत है जीवन का आकाश
और वही आकाश अनंत है जीवन की इच्छाओं का
उसी ने समेटे शीतलता चाँद की ,
और वही ताप समेटे सुरज सा
उसी की कोई सुरूवात नहीं दिखती
और ना ही उसके अंत का कोई पता
बस वही आकाश  सच है
शांत दूर तक फैला हुआ !!!
प्रज्ञा

Comments

Popular posts from this blog

उसकी शादी और आख़िरी ख्वाहिश

I do understand!!

तुम एक कविता हो !